Krishonnati Yojana – Sub Mission On Seed And Planting Material (SMSP) Scheme

भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र की मजबूती के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है Krishonnati Yojana – Sub Mission On Seed And Planting Material (SMSP) Scheme, जिसका उद्देश्य है किसानों को गुणवत्ता युक्त बीज और पौध सामग्री उपलब्ध कराना। यह योजना देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में एक अहम कदम है।

योजना की शुरुआत और उद्देश्य

इस योजना की शुरुआत वर्ष 2014-15 में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य था बीजों की गुणवत्ता सुधारना और प्रमाणित बीजों के उपयोग को बढ़ावा देना। SMSP Scheme के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों और पौध सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं। इसका सीधा लाभ किसानों को होता है, जो कम लागत में बेहतर उत्पादन पा सकते हैं।

कौन-कौन ले सकता है योजना का लाभ?

Krishonnati Yojana – SMSP Scheme का लाभ देश के हर किसान को मिल सकता है। इसके अंतर्गत छोटे, सीमांत, मझोले और बड़े किसान सभी पात्र हैं। इसके अलावा बीज उत्पादक संस्थाएं, कृषि विश्वविद्यालय, सरकारी एजेंसियां और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) भी इस योजना के तहत सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।

योजना में क्या-क्या सहायता मिलती है?

इस योजना के अंतर्गत किसानों को बीज उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण, और वितरण से संबंधित अनेक प्रकार की सहायता मिलती है। इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं:

  • प्रमाणित बीजों की खरीद पर सब्सिडी
  • बीज उत्पादन करने वाले किसानों को अनुदान
  • बीज प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना में सहायता
  • पौध उत्पादन केंद्रों की स्थापना में वित्तीय सहयोग
  • Seed Testing Labs और Seed Storage Godowns की स्थापना

Seed Replacement Rate (SRR) बढ़ाने में योजना की भूमिका

Seed Replacement Rate को बढ़ाना Krishonnati Yojana – Sub Mission On Seed And Planting Material (SMSP) Scheme का एक प्रमुख लक्ष्य है। यह दर दर्शाती है कि किसान पारंपरिक बीजों की जगह कितने प्रतिशत प्रमाणित बीजों का उपयोग कर रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत किसानों को उचित मूल्य पर प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे वे आधुनिक बीज तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं।

बीज हब और प्लांटिंग मटेरियल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास

SMSP Scheme के अंतर्गत देशभर में बीज हब (Seed Hubs) स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर बीजों का उत्पादन, ग्रेडिंग, भंडारण और वितरण किया जाता है। साथ ही फल, फूल और वानस्पतिक पौधों की उन्नत किस्मों के लिए Planting Material Infrastructure जैसे ग्रीनहाउस और नर्सरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे किसानों को स्थानीय स्तर पर बेहतर पौध सामग्री प्राप्त होती है।

योजना के आर्थिक पहलू

यह योजना केंद्र प्रायोजित है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें साझा रूप से निवेश करती हैं। सामान्य राज्यों के लिए खर्च का अनुपात 60:40 है, जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह अनुपात 90:10 है। इसका उद्देश्य हर क्षेत्र के किसानों तक योजना का लाभ पहुंचाना है।

SMSP Scheme के तहत कौन-कौन से बीज शामिल हैं?

इस योजना के अंतर्गत लगभग सभी प्रमुख फसलों के बीज शामिल हैं जैसे:

  • अनाज: गेहूं, धान, मक्का, जौ, ज्वार
  • दलहन: चना, अरहर, मूंग
  • तिलहन: सरसों, सोयाबीन, मूंगफली
  • सब्जियां और फल: टमाटर, बैंगन, मिर्च, पपीता, केला आदि
  • फूलों की पौध सामग्री: गुलाब, गेंदा, जरबेरा आदि

किसानों के लिए योजना के लाभ

Krishonnati Yojana – Sub Mission On Seed And Planting Material (SMSP) Scheme किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ती है। इसके लाभ इस प्रकार हैं:

  • गुणवत्ता युक्त बीज और पौध सामग्री की उपलब्धता
  • बीज उत्पादन की लागत में कमी
  • उत्पादन और उपज में वृद्धि
  • बीज बचत पर सब्सिडी
  • बीज तकनीकी में जागरूकता
  • आत्मनिर्भरता की ओर कदम

आत्मनिर्भर भारत और SMSP Scheme

भारत सरकार का आत्मनिर्भर भारत अभियान इस योजना से जुड़ा हुआ है। जब किसान खुद बीज उत्पादन करना सीखते हैं और गुणवत्ता युक्त बीज अपनाते हैं, तो वे कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनते हैं। इसके अलावा स्थानीय बीज उत्पादकों को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी जा रही है।

योजना से जुड़े कुछ सफल उदाहरण

  • उत्तर प्रदेश में किसानों ने हाइब्रिड धान के बीज से 25% अधिक उत्पादन प्राप्त किया।
  • पंजाब में बीज रिप्लेसमेंट रेट 70% तक पहुंच चुका है।
  • मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में किसानों ने जैविक बीज उत्पादन में योजना के तहत प्रशिक्षण लिया और नए उद्यम शुरू किए।

योजना से संबंधित आवेदन प्रक्रिया

SMSP Scheme का लाभ लेने के लिए किसान नीचे दिए गए माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं:

  • अपने ग्राम पंचायत या कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करें
  • राज्य सरकार की कृषि वेबसाइट पर पंजीकरण करें
  • PM-Kisan पोर्टल या किसान पोर्टल से योजना की जानकारी प्राप्त करें
  • नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से मार्गदर्शन लें

निष्कर्ष: Krishonnati Yojana – SMSP Scheme क्यों है समय की मांग?

आज की बदलती जलवायु, महंगी खेती और घटते मुनाफे के दौर में, Krishonnati Yojana – Sub Mission On Seed And Planting Material (SMSP) Scheme किसानों को एक नई आशा और दिशा देती है। यह योजना केवल अनुदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, नई तकनीकों से जोड़ने और बेहतर जीवन स्तर देने की दिशा में उठाया गया सशक्त कदम है।

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