भारत सरकार लगातार पर्यावरणीय स्थिरता और जवाबदेही को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रही है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है International Centre for Environment Audit and Sustainable Development (iCED), जो देश और विश्व भर में पर्यावरणीय ऑडिट और सतत विकास के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुका है। यह केंद्र न केवल एक प्रशिक्षण संस्थान है, बल्कि शोध, नीतिगत विमर्श और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक उत्कृष्ट मंच भी है।
स्थापना और उद्देश्य
इस केंद्र की स्थापना भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के अधीन वर्ष 2013 में जयपुर, राजस्थान में की गई थी। इसका उद्देश्य है पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास से जुड़ी नीतियों की ऑडिट प्रक्रिया को मजबूत करना। केंद्र सरकार ने इसे एक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण और शोध संस्थान के रूप में विकसित किया है, जो पर्यावरणीय जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
टिकाऊ निर्माण और हरित परिसर
यह संस्थान भारत का पहला सरकारी संस्थान है जिसे 5-स्टार GRIHA रेटिंग प्राप्त है। इसके परिसर में सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन, जैविक अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा कुशल भवन, और भू-तापीय ठंडा करने की तकनीक जैसी विशेषताएं शामिल हैं। यह परिसर स्वयं में एक “लिविंग क्लासरूम” है, जहाँ पर्यावरणीय स्थिरता के सिद्धांत व्यवहार में दिखाई देते हैं।
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
यह संस्थान हर वर्ष भारत के भीतर और बाहर के सैकड़ों ऑडिटरों को प्रशिक्षण देता है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निम्न प्रकार से आयोजित किए जाते हैं:
- भारत के लेखा परीक्षकों (Auditors) के लिए विशेष प्रशिक्षण
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य देशों के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण
- सरकारी नीतियों की ऑडिट पर विशेष कार्यशालाएँ
- जल, वायु, जैव विविधता, कचरा प्रबंधन जैसे विषयों पर विशेषज्ञ सत्र
इन प्रशिक्षणों के माध्यम से अधिकारी यह सीखते हैं कि किस प्रकार पर्यावरणीय संसाधनों के उपयोग और संरक्षण पर प्रभावी लेखा परीक्षा की जाए।

शोध एवं ज्ञान संसाधन
यह संस्थान शोध में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। यहां शोध प्रबंध, केस स्टडीज़, ऑडिट रिपोर्ट्स, और नीति पत्रों का निर्माण किया जाता है। संस्थान “ग्रीन फाइल” और “अमलतास” नामक पत्रिकाएं भी प्रकाशित करता है, जिसमें पर्यावरणीय लेखा परीक्षा से संबंधित अद्यतन जानकारी और अनुभव साझा किए जाते हैं।
इसके अलावा, संस्थान ने प्रमुख अनुसंधान संस्थाओं जैसे TERI और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों के साथ सहयोग भी किया है।
वैश्विक स्तर पर मान्यता
यह केंद्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है। इसे INTOSAI (International Organisation of Supreme Audit Institutions) के Working Group on Environmental Auditing और Extractive Industries के तहत “Global Training Facility” का दर्जा प्राप्त है। इसके तहत iCED कई अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम और वेबिनार आयोजित करता है जिनमें अन्य देशों के सरकारी अधिकारी भाग लेते हैं।
ब्लू इकॉनमी पर विशेष केंद्र
हाल के वर्षों में इस संस्थान ने “ब्लू इकॉनमी” पर विशेष ध्यान देना शुरू किया है। इसमें समुद्री पारिस्थितिकी, तटीय संसाधनों की सुरक्षा, समुद्री जैवविविधता और मछली पालन जैसे क्षेत्रों की ऑडिट भी शामिल हैं। यह प्रयास सतत विकास लक्ष्य (SDG-14) की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इंटर्नशिप और युवा पेशेवरों के अवसर
यह केंद्र छात्रों और युवा पेशेवरों के लिए इंटर्नशिप और रिसर्च फेलोशिप के अवसर भी प्रदान करता है। पर्यावरण विज्ञान, पब्लिक पॉलिसी, लेखा परीक्षा, और आईटी जैसे क्षेत्रों के छात्र यहां ₹10,000 प्रति माह के मानदेय के साथ इंटर्नशिप कर सकते हैं। इंटर्नशिप का उद्देश्य है कि युवा वर्ग को नीति निर्माण और लेखा प्रक्रिया का प्रत्यक्ष अनुभव मिल सके।
भारत के लिए क्यों है यह केंद्र अहम?
यह संस्थान भारत के पर्यावरणीय शासन तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसकी विशेषताएँ हैं:
- पर्यावरणीय मुद्दों की लेखा परीक्षा के लिए विशेषज्ञ तैयार करना
- सरकारी योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन को पारदर्शी बनाना
- नीतियों को सतत विकास के अनुरूप ढालना
- केंद्र और राज्य सरकारों को पर्यावरणीय जवाबदेही में सहायता प्रदान करना
यह संस्थान यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी योजनाएं केवल कागज पर न रहें, बल्कि धरातल पर टिकाऊ और प्रभावी ढंग से लागू हों।
भविष्य की दिशा
इस संस्थान के समक्ष आने वाले वर्षों में निम्नलिखित मुख्य चुनौतियाँ और लक्ष्य होंगे:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा का लेखा परीक्षा में समावेश
- शहरी प्रदूषण, जैव विविधता क्षरण, जल संकट जैसे विषयों पर केंद्रित विश्लेषण
- यूनिवर्सिटी और संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाना
- इंटर्नशिप और युवा अनुसंधान कार्यक्रमों का विस्तार करना
इन पहलों के माध्यम से यह संस्थान आने वाले समय में और भी प्रभावी बन सकेगा।
निष्कर्ष
International Centre for Environment Audit and Sustainable Development (iCED) भारत सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जो पर्यावरणीय संतुलन और उत्तरदायित्व को शासन प्रणाली का अभिन्न अंग बनाने में कार्यरत है। यह न केवल नीति और ऑडिट की दुनिया में नए मानक स्थापित कर रहा है, बल्कि भावी पीढ़ियों को पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बनने की दिशा में भी मार्गदर्शन दे रहा है।